public key and Private key in hindi | DigiTechHindi
Public key and Private key in Hindi | DigiTechHindi
आज के इस टॉपिक में बात करेंगे पब्लिक की क्या होती है और प्राइवेट की क्या होती है पब्लिक की में क्या-क्या आता है और प्राइवेट की में क्या क्या आता है।
पब्लिक की और प्राइवेट की में डिफरेंस क्या होता है इन सारी बातों को हम आप को विस्तार पूर्वक से आज के इस आर्टिकल में बताएंगे।
मैंने भी आज पहली बार पब्लिक की और प्राइवेट की नाम सुना गूगल पर इसके बहुत सारे लेख और आर्टिकल से इसे पढ़कर मुझे पता चला कि पब्लिक की और प्राइवेट की होता है।
क्या और आज मैं उन बातों को आपके साथ शेयर करके बताऊंगा कि पब्लिक की और प्राइवेट की असल में होता क्या है।
जैसे कि हम जानते हैं की असम एंट्री इंक्रिप्शन में दो अलग-अलग प्रकार की की का प्रयोग होता है।
जिसमें एक पब्लिक की और दूसरा सिगरेट की होता है और इसे सिगरेट की को प्राइवेट की के नाम से भी जाना जाता है और आज हम आपको इन्हीं विषय के कुछ जानकारी देंगे।
असीम एंटीक इनस्क्रिप्शन में दो कि के पेड़ का प्रयोग किया जाता है जो आपस में एक दूसरे के मैथमेटिकल रिलेटेड होती है इनका प्रयोग इंक्रिप्शन और डिस्क्रिप्शन में किया जाता है।
तीन पैर की हम बात कर रहे हैं एक प्राइवेट की और दूसरी पब्लिक की होती है दर्शक public-key का प्रयोग इंफेक्शन के लिए होता है इसलिए इंक्रिप्शन की भी कहा जाता है पब्लिक की को की होती है जो रिसीवर की होती है लेकिन वह अपने सेंडर के साथ शेयर होती है।
इनके जरिए सेंड अपने मैसेज को इंक्रिप्ट कर लेता है और रिसीवर उसे अपनी प्राइवेट की के जरिए स्क्रिप्ट कर लेता है और यह इसलिए हो पाता है क्योंकि पब्लिक की और प्राइवेट की दोनों एक दूसरे के लेटे हैं।
सिम एंटीक इंक्रिप्शन में एक ही का प्रयोग किया जाता है जिसके द्वारा इंक्रिप्शन और डिस्क्रिप्शन दोनों किया जाता है लेकिन सीमेंटेड इंक्रिप्शन में दो अलग-अलग की का प्रयोग किया जाता है।
जिसके आधार पर सिक्योरिटी बनी रहती है इसमें प्राइवेट और पब्लिक की का प्रयोग कैसे किया जाता है कब लिखी के विषय में हमने आपको ऊपर पहले ही जानकारी दे दी है।
अब बात आती है प्राइवेट जी की प्राइवेट कि वो की होती है जिसे रिसीव की से शेयर नहीं करते और सब सेंड ए मैसेज को पब्लिक की के द्वारा इंक्रिप्ट कर देता है तो रिसीवर उसे प्राइवेट की के जरिए डिस्क्रिप कर उसे पढ़ लेता है।
आपका दिन शुभ रहे।
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