Utility software kya hai | यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है ?
Utility software kya hai | यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है ?
आज के इस टॉपिक में हम जानेंगे यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है इसका इस्तेमाल किया है इसकी मदद से हम क्या कर सकते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे।
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर क्या है उसके बारे में सारी जानकारी आज के इस आर्टिकल में हम देंगे हम कंप्यूटर के अपना कार्य करवाने के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं कार्य की प्रकृति और जटिलता के आधार पर हमारे प्रोग्राम भी बदल जाता है।
जैसे रेगुलर बनाने के लिए हम एमएस वर्ड का इस्तेमाल करते हैं रेजिमें बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं और खराब और अन्य फाइलों को दिन करने के लिए विंडोज तथा डिस्क क्लीनअप करते हैं।
यहां गौर करने वाली बात यही है कि सॉफ्टवेयर अलग-अलग श्रेणी और प्रकार के होते हैं। हम या यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के बारे में बात करेंगे।
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर जिसे सिर्फ यूटिलिटी और यूटिलाइज भी कहते हैं एक ऐसा कंप्यूटर सिस्टम प्रोग्राम है जो कंप्यूटर को एनालाइजेशन कंफीग्रेशन ऑप्टिमाइजेशन तथा मेंटेनेंस करने में मदद करता है।
यह सिस्टम सॉफ्टवेयर अधिकतम ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आते हैं और कुछ अलग से भी अपलोड होते हैं जैसे डिस्क डिफरेंट मैन एंड एंटीवायरस स्क्रीन सेवर आदि यूटिलिटी प्रोग्राम है।
यूटिलिटी प्रोग्राम अलग-अलग आकार और क्षमता में आते हैं कुछ प्रोग्राम कुछ की वन सीनियर सॉफ्टवेयर से रक्षा करते हैं तथा कुछ डिलीट प्रोग्राम एंटीवायरस एंड करते हैं जो ऑपरेटिंग सिस्टम की क्षमता से बाहर के कार्य निष्पादित करने की क्षमता प्रदान करते है।
सॉफ्टवेयर एक एप्लीकेशन से कैसे होता है यह सवाल एक आम यूजर के दिमाग में जरूर आता है जब वह सॉफ्टवेयर से विभिन्न प्रकार के बारे में सुनता है या पड़ता है इसलिए इस उलझन को दूर करने के लिए एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और यूटिलिटी सॉफ्टवेयर में अंतर जाना पड़ेगा।
यूटिलिटी प्रोग्राम कंप्यूटर सिस्टम के लिए कार्य करने के लिए विकसित किए जाते हैं वही एप्लीकेशन को आम यूजर की समस्या समाधान के लिए यूज किए जाते हैं।
यूटिलिटी मुक्त होती है और ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ ही अपलोड हो जाती है लेकिन एप्लीकेशन को अब से अपलोड करना पड़ता है और यह सेपरेट प्रोग्राम होते हैं।
यूटिलिटी ऑपरेटिंग सिस्टम का भाग होते हैं होते हैं मगर एप्लीकेशन का स्वतंत्र अस्तित्व है और यह उसके बाद नहीं होते पर ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर रहते हैं।
यूटिलिटी प्रोग्राम अपना कार्य है इनके बिना आराम से कर सकते हैं मगर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का काम इनके बिना नहीं चलता।
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